सारंगढ़| आदिवासी वर्ग के व्यक्ति के नाम पर आबंटित दुकान पर दूसरे का अतिक्रमण|भाग -१
सारंगढ़ बस स्टैंड में दर्जनों दुकान है लेकिन प्रत्येक दुकान में नगरपालिका परिषद न्यायिक अधीनस्थ द्वारा निर्धारित नियमो के पालन के साथ साथ दुकान का नीलामी करने का नियम उसी के हिसाब से होती है जो कानूनी प्रक्रिया में शामिल हो वैसे नगरपालिका परिषद के अंतर्गत दुकानों के नीलामी की पट्टा 10 वर्षो के लिए एग्रीमेंट दिया जाता है 10 वर्षो के बाद फिर से नया एग्रीमेंट होना रहता है। लेकिन उसी आरक्षण में देय होगा जिस समाज(वर्ग) के लिए आरक्षित रहेगा उसी वर्ग को मिलेगा लेकिन ऐसे स्थिति में सारंगढ़ बस स्टेशन में आदिवासी वर्ग को आबंटित दुकान को दूसरे वर्ग के लोगो द्वारा कब्जा कर अतिक्रमण किया गया है जिसकी लिखित शिकायत भी किया गया था जिसकी जांच उपरांत कारवाही की पत्र अनुविभागीय अधिकारी से पत्र जारी भी किया जा चुका है लेकिन आज तक कुछ करवाही नही हुआ। वही मिली जानकारी के अनुशार 2015 में आदिवासी (वर्ग) परिवार के द्वारा शिकायत भी किया गया था जिस में अधिकारी जांच करते हुए जांच दल गठित किया था जिसमे सारंगढ़ अनुविभागीय अधिकारी ने जांच कर करवाही की पत्र जारी किया गया था लेकिन आज पर्यंत तक वही के वही अभी स्थापित है ऐसे स्थिति में जितने भी सरकारी जमीन या भवन बना रहेगा वैसे में पूरी नाजूल जमीन को अतिक्रमण करने वाले की वाहवाही होगी|
मिली जानकारी के अनुशार फैंसी स्टोर खोलकर अतिक्रमण को पूरी तरीके से सफल बनाने में 2015 से आज पर्यंत तक फल फूल रहे है ऐसे में सरकारी जमीन को भी खतरा का पूरा माहौल बना हुआ हैं इनके ऊपर करवाही नही होने की स्थिति में लोगो का मनोबल बढ़ता हुआ जा रहा है। ऐसे में करवाही न होना बहुत ही निंदनीय है और सरकारी तंत्र पे सवाल उठना लाजमी है।
अधिकारी द्वारा कारवाही नही होना मतलब संरक्षण प्रदान किया जा रहा होगा,इसलिए 2015 से करवाही पत्र जारी कर भूल गए नगरपलिक परिषद
#नगरपालिका सारंगढ़
#sarangarh