सारंगढ़ (DNI) मुख्यालय के ग्राम पंचायत रीवापार के ग्राम रोजगार सहायक है फर्जी इसका आरोप गांव के एक व्यक्ति ने लिखित शिकायत किया है जिसमे सभी बिंदु में शिकायत किया है! आगे शिकायत में और मनरेगा योजना में एक स्थान पर लगातार हो रहा कार्य करके किया गया है लिखित शिकायत जिसकी संबंध में जिला कलेक्टर,अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व) और मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को लिखित शिकायत किया गया है जिस संबंध में| ग्रामीणों से जब पता किया गया तो न नाम छापने के शशर्त में बताया कि जो हमारे सूत्र से छनकर जानकारी प्राप्त हुआ की रोजगार सहायक का भतीजी पूर्व में पदस्थ था क्या? लेकिन अन्यत्र शादी होकर चला गया जिसके बाद उसका ही घर का रिश्तेदार को कैसे फिर रोजगार सहायक का नौकरी मिल गया इससे लोग जो है अचरच में पड़े है। अभी वर्तमान ग्राम रोजगार सहायक गेंदराम को फर्जी है कहा जा रहा है ।इसको हम नही कह रहे बल्कि जिसका ताजा उदाहरण लिखा हुआ शिकायत पत्र DM/SDM/CEO के कार्यालय में ग्रामीण गोविंदा नामक व्यक्ति के द्वारा लिखित रूप से आवेदन प्रस्तुत किया गया है। जबकि नियुक्ति _विभाग के अधीनस्थ किया जाता है लेकिन ग्रामीण आरोप लगा रहे है। की फर्जी है ऐसे में रोजगार सहायक गेंदराम फर्जी होता तो ग्राम पंचायत में काम कैसे कर पाता यह विचार करने योग्य हो गया अब समय ही बता पाएगा कितना सच शिकायत कर्ता के पत्र में सच्चाई है उसको|
शिकायत पत्र में आगे लिखा हुआ है की एक तालाब जिसका नाम मुड़ा तालाब के नाम से सन 2023_24 में कार्य करवाया गया है अब उसके बाद 2024_25 में उसी जगह कार्य करवाया जा रहा है करके लिखित शिकायत दिया गया है जो जांच का गंभीर विषय बना बनता है क्योंकि मनरेगा योजना मजदूरों की माध्यम से कार्य होना रहता है जिसकी अवर्धा प्रत्येक 3 वर्ष की अंतराल में होना रहता है लगातार इसका लाभ नहीं लिया जा सकता|
शिकायतकर्ता का आरोप है कि ग्राम पंचायत के पदाधिकारी मनरेगा योजना की कार्य को ठेका देकर करवाता है और इंजिनियर,सचिव,रोजगार सहायक सभी मिलीभगत कर कमीशन खाते है के संबंध में।शिकायत दिया गया है शिकायत पत्र को बाझने के बाद गफलतबाजी का समुंदर लग रहा है लेकिन यह तो जांच का विषय बनता है आगे क्या करवाही करते है देखने वाली बात होंगी।
शिकायत पत्र_
