सारंगढ़:
पान- पानी और पालगी की नगरी सारंगढ़ में तालाबो को संरक्षित करने और तालाब पार पर किया गया अतिक्रमण सहित समस्त निमार्ण को हटाये जाने के एनजीटी के आदेश का सारंगढ़ में पालन नही हो रहा है। बल्कि यहा पर धड़ल्ले से तालाब पार पर अवैध रूप से निमार्ण कार्य किया जा रहा है। ऐसा नही है कि तालाब पार पर हो रहा अवैध निमार्ण की जानकारी नगर पालिका प्रशासन को नही है किन्तु जिला मुख्यालय में जिस प्रकार से एनजीटी के आदेश की धज्जिया उड़ाकर तालाब पार पर अवैध निमार्ण को नगर पालिका बढ़ावा दे रहा है उससे साफ है कि इस अवैध निमार्ण के एवज मे बड़े स्तर पर लेन-देन किया गया है।
पान,पानी और पालगी की नगरी सारंगढ़ पानी से भरपूर नगर है। यहा पर पानी की प्रुचर उपलब्धता के लिये तालाबो का रोल महत्वपूर्ण है। सारंगढ़ में तालाबो के बारे मे बात करे तो सबसे पहले नया तालाब का नाम आता है

चूंकि यह व्यावसायिक क्षेत्र में स्थित है इस कारण से इस तालाब के चारो ओर अवैध कब्जा कर दिया गया है। या यूं कहे कि एक समय में मीठा पानी का यह तालाब अवैध कब्जे के कारण से गंदे पानी को निस्तारी करने वाला तालाब का स्वरूप मे रह गया है तो कोई गलत नही है। वही दूसरी मुख्य तालाब के रूप में खाड़ाबंद का तालाब का नाम आता है। शहर वासियो को पानी की प्रचुरता इसी तालाब मे मिलती है वही सारंगढ़ में पानी के लेबल को बनाये रखने वाला सबसे बड़ा तालाब जो कि 126 एकड़ में फैला है वह है मुड़ा तालाब। मु़डा तालाब के कारण ही सारंगढ़ में वाटर लेबल मेंटन रहता है। इसी प्रकार से नेंगी तालाब भी प्रमुख तालाब मे से एक है। इसके अलावा तुकी तालाब, लोहारिन डबरी, पैलपारा का तिवारी तालाब, रायगढ़ रोड़ का तालाब, रायपुर रोड़ का ताला मंदिर का तालाब, झरियापारा का तालाब, प्रतापगंज का तालाब, सहसपुर का तालाब सहित क्षेत्र में फैले कुल 20 तालाब की स्थिति बद से बदत्तर है। इसमे से सर्वाधिक अतिक्रमण की चपेट मे सारंगढ़ का नया तालाब है। व्यावसायिक क्षेत्र में स्थित इस तालाब का क्षेत्रफल सिमट रहा है। चारो ओर इस तालाब पर अवैध निमार्ण पक्का का कर दिया गया है। इस तालाब के पार पर स्थिति दुकानो के पीछे लगातार पक्का निमार्ण जारी है। वही इस मामले मे अवैध निमार्ण को बढ़ावा देने मे नगर पालिका सारंगढ़ की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि इस नया तालाब के पार पर किया गया अवैध निमार्ण के एवज मे नगर पालिका के कर्मचारी-अधिकारीयो के द्वारा मोटी रकम अवैध रूप से वसूली किया गया है जिसके कारण से सारंगढ़ के नया तालाब के चारो ओर के पार पर अवैध कब्जा हो गया है तथा पक्का निमार्ण कर दिया गया है। इस तालाब के वास्तविक रकबा को चिन्हित कर अवैध निमार्ण हटाने से तालाब अपने मूल रूप मे वापस आ सकता है।
एनजीटी मे लगा है तालाबो के संरक्षण को लेकर याचिका?
अतिक्रमणकारियों ने खाली सरकारी जमीनों पर तो कब्जा किया ही, तालाबों को भी नहीं छोड़ा। सरकारी मशीनरी केवल मूकदर्शक बनी रही। अब एक व्यक्ति ने इस मामले में एनजीटी में केस लगाया है। इस पर एनजीटी ने सभी निकायों से जानकारी मांगी है।सारंगढ़ नगर पालिका की सीमा में करीब 20 तालाब हैं, जिनमें से सभी पर अमिक्रमण है। इसे हटाने की कोशिश कभी नहीं की गई।अब नगरीय प्रशासन विभाग ने शहरी इकाइयों से तालाबों में हुए अवैध कब्जे की जानकारी मांगी है। निकायों को बताना है कि जल स्रोत में अतिक्रमण है या नहीं, यदि हां तो क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त किए जाने की संभावित तिथि भी बतानी है। नदियों और तालाबों दोनों की जानकारी निर्धारित प्रारूप में बनाकर भू-अभिलेख शाखा से परीक्षण करवाकर भेजना है। जगदीश प्रसाद देवगन निवासी बलोदा जांजगीर-चांपा ने सार्वजनिक जल स्त्रोतों पर अतिक्रमण के मुद्दे पर एनजीटी की सेंट्रल जोन बेंच में आवेदन प्रस्तुत किया था। एनजीटी ने इस विषय में एक कमेटी का गठन किया है, जिसमें प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग का एक प्रतिनिधि, प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास विभाग का एक प्रतिनिधि, सीईसीबी का एक प्रतिनिधि और प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग का एक प्रतिनिधि शामिल हैं। इस कमेटी को सभी जिलों से जानकारी मंगवाकर राज्य की ओर से जानकारी प्रस्तुत करनी है। उस जल स्त्रोत का राजस्व अभिलेखों में क्षेत्रफल, वर्तमान स्थिति, अतिक्रमण हटाने की गई कार्रवाई की जानकारी प्रस्तुत करनी है। सारंगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में जितने भी तालाब है, उसमें अतिक्रमण है। इस पर कोई कार्रवाई ही नहीं की गई। अब तक किसी भी तालाब को अतिक्रमण से मुक्त नहीं कराया गया, बल्कि बेजा कब्जा को बढ़ावा दिया गया। अब इस मामले में एनजीटी के आदेश से हलचल मची है।
नया तालाब पार पर नगर पालिका करवा रहा है अवैध कब्जा?
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ के नगर पालिका क्षेत्रार्न्तगत आने वाला नया तालाब के पानी एक समय मे पीने और खाना बनाने के लिये उपयोग मे लाया जाता था। यहा पर नहाने और हाथ-पैर धोने या बर्तन धोने पर प्रतिबंध था। सिर्फ पीने और खाना बनाने के लिये पानी को उपयोग करने के लिये अनुमति प्रदान किया गया था। किन्तु समय के साथ नल की उपलब्धता से यहा पर प्रतिबंध खत्म हो गया। किन्तु इस तालाब के क्षेत्रफल पर बड़े स्तर पर अवैध कब्जा हो गया है। इस तालाब के पार को भू-माफियाओ ने सोने के अंड़े देने वाली मुर्गी के तौर पर इस्तेमाल किया तथा जिसको जहा पर मौका मिला वहा पर कि तालाब पार को अवैध निमार्ण के लिये मौखिक अनुमति देकर जमकर पैसा पीटा। इसके कारण से इस तालाब का वास्तविक रकबा और वर्तमान रकबा मे बहुत ज्यादा फर्क आ गया है। वर्तमान मे इस तालाब पार पर स्थिति दुकानो के पीछे मे अवैध रूप से पक्का मकान का निमार्ण धड़ल्ले से चल रहा है। जिला मुख्यालय सारंगढ़ में जिस प्रकार से तालाब के पार की जमीनो पर अवैध रूप से कब्जा कर पक्का निमार्ण तीन मजिला किया जा रहा है उससे साफ प्रतीत हो रहा है कि भू-माफियाओ के मन मे प्रशासन का डर खत्म हो गया है।
अवैध निमार्ण पर कार्यवाही से डरा नगर पालिका?
सारंगढ़ के नया तालाब पार का वास्तविक रूप में रकबा और वर्तमान रकबा का सीमांकन कराकर अवैध निमार्ण को तोड़ने प्रक्रिया का पालन एनजीअी के आदेशानुसार करना था किन्तु अवैध कब्जा को देखकर नगर पालिका के अधिकारियो और राजस्व विभाग के अधिकारियो के हाथ-पैर फूल रहे है। अवैध कब्जा करने वालो का हौंसला बुलंद है तथा नगर पालिका लगातार अवैध कब्जा को बढ़ावा देने का काम कर रही है। ऐसे मे अवैध निमार्ण को तोड़ने के स्थान पर शनिवार और रविवार को दुगुना क्षमता मे मजदूर बढ़ाकर काम को तेजी लाने के लिये नगर पालिका के जिम्मेदार मुफ्त की सलाह देते है। जिस अवैध निमार्णो को नगर पालिका और राजस्व विभाग को गिराना था वह अभी द्रुत गति से चल रहा है। ऐसे मे सारंगढ़ मे अवैध कब्जा करना मजाक हो गया है।
बहरहाल अब देखना यह है कि प्रदेश के अन्य नगरीय निकायो मे तालाबो में हुए अवैध अतिक्रमण करने वालो पर बेदखली की कार्यवाही के बीच सारंगढ़ नगर मे तालाबो के पार पर किया गया अवैध कब्जा पर क्या कार्यवाही होती है।
एनजीटी ने कहा तालाब पार से हटाये अवैध कब्जे, लेकिन सारंगढ़ में लगातार चल रहे है तालाबो पर अवैध निमार्ण?
नगर पालिका खुद दे रहा है अवैध निमार्ण की अनुमति?

सारंगढ़ नगर पालिका में 20 से अधिक तालाब अतिक्रमण का शिकार?
पान,पानी और पालगी की नगरी मे पानी को लेकर प्रशासन गंभीर नही?