3 वर्ष की परिवीक्षावधि को समाप्त कर पुनः 2 वर्ष करने और स्टाइपेंड के रूप में काटी गई राशि को एरिअर्स के रूप में देने की मांग

छत्तीसगढ़ नियमित सर्व शिक्षक कल्याण संघ ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मिलकर 3 वर्ष की परिवीक्षवधि को समाप्त कर फिर से 2 वर्ष करने, साथ ही स्टाइपेंड के रूप में काटी गई क्रमशः 30, 20 और 10 प्रतिशत की राशि को एरिअर्स के रूप में देने की मांग की है। बता दें कि 2019 में भूपेश बघेल सरकार में 14580 शिक्षक भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया, परीक्षा लेकर चयन की सारी प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई लेकिन नियुक्ति के समय कोरोना के कारण नया नियम लागू कर दिया गया जिसके अंतर्गत परिवीक्षवधि को 3 वर्ष, साथ ही वेतन को स्टाइपेंड के रूप में देकर पहले साल 70% दूसरे साल 80% और तीसरे साल 90% देने का प्रावधान किया गया, इसे लेकर बीजेपी ने भी विरोध किया और इसे काला कानून बताया, हालांकि चुनाव के करीब आते ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसे हटा दिया और 100 % वेतन दिया जाने लगा लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, बता दें कि इससे सभी नावनियुक्त कर्मचारियों और अधिकारियों को काफी आर्थिक नुकसान हो चुका था। अब चूंकि सरकार बदल चुकी है तो फिर से परिवीक्षवधि को 2 वर्ष करने और साथ ही 3 वर्षों में काटी गई राशि को एरीअर्स की राशि देने की मांग तेज़ हो चुकी है, देखने वाली बात होगी कि विपक्ष में रहते हुए जिन मांगो को बीजेपी ने उठाया था क्या अब सरकार में आने पर उन्हें पूरा कर पाती है …..