भारत देश के उत्तराखंड राज्य में स्थित सीमांत क्षेत्र का एक छोटा सा गांव माड़ा, आज देशभर में एक नई पहचान बना चुका है। जिसे “भारत का आखिरी गांव” कहा जाता था, आज वही माड़ा गांव देश का पहला डिजिटल गांव बनकर उभरा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच और “डिजिटल इंडिया” अभियान के तहत यह बदलाव संभव हो पाया। माड़ा गांव को आधुनिक तकनीक, डिजिटल कनेक्टिविटी, और स्मार्ट सुविधाओं से सुसज्जित कर ग्रामीण विकास की दिशा में एक मिसाल कायम की गई है।
इस ऐतिहासिक पहल के प्रत्यक्षदर्शी बनने और बद्रीनाथ धाम यात्रा के दौरान माड़ा गांव पहुंचने का सौभाग्य सारंगढ़ खबर अखबार के संपादक रवि तिवारी को प्राप्त हुआ। रवि तिवारी ने गांव के बदलते स्वरूप को नजदीक से देखा और वहां की जनता से संवाद किया।
गांववासियों ने बताया कि पहले जहां संचार के साधनों की कमी थी, अब वहां हाई-स्पीड इंटरनेट, डिजिटल क्लासरूम, ई-हेल्थ सुविधा और ऑनलाइन सेवा केंद्र जैसी व्यवस्थाएं मौजूद हैं। गांव के बच्चे अब ऑनलाइन पढ़ाई कर पा रहे हैं, किसान मंडियों से सीधा संपर्क कर रहे हैं और महिलाएं भी डिजिटल सशक्तिकरण के माध्यम से स्वरोजगार की ओर बढ़ रही हैं।
रवि तिवारी ने बताया, “माड़ा गांव में पहुंचते ही जो शांति, स्वाभिमान और आधुनिकता का संगम दिखा, वह वास्तव में अद्भुत है। यह गांव अब न केवल भौगोलिक रूप से देश का अंतिम गांव है, बल्कि तकनीकी रूप से देश के भविष्य की ओर पहला कदम भी।हमारे भारतदेश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चारो तरफ पहाड़ और बर्फ के सफेद चादर से ढके इस छोटे और अद्भुत गांव को देश का पहला भी गांव घोषित किया है।
माड़ा गांव का यह परिवर्तन न केवल उत्तराखंड के लिए बल्कि पूरे देश के ग्रामीण विकास का आदर्श मॉडल बन चुका है।
जय बद्रीधाम! जय भारत!