सारंगढ़|| जिला बनने के बाद भी शिक्षा विभाग में कोई बदलाव दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि उच्च अधिकारियों का आवागमन बढ़ गया है लेकिन शिक्षा विभाग में किसी प्रकार से कोई प्रभावशीलता नहीं दिखाई दे रहे है । शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी अभी भी अंजान है, की कौन से स्कूल में अध्यापक अभी भी कमजोर है इसका जायजा लेने वाले प्रभारी अधिकारी भी अभी तक अंजान है या जानकारी नहीं दे रहे है यह जांच का विषय बना है। शिक्षा विभाग का तंत्र कितना मजबूत है इसका अंदाजा आप देखकर बयां कर सकते है इसका ताजा उदाहरण है सुंदराभाठा स्कूल में पदस्थ शराबी शिक्षक का करतूत इस शिक्षक का यह हाल कितना संवेदनशील है इसका जानकारी किसी को है या होने के बावजूद अंजान है । समझ से परे है यह मामला मुख्यालय से महज चार किलोमीटर के मध्य स्थित है लेकिन सारंगढ़ विकासखंड के सुलोनी संकुल के सुंदराभाठा में स्थित आश्रम शाला भवन के भीतर पीएस स्कूल संचालित है जहा लाकेश टंडन नामक शिक्षक की व्यवस्था किया गया है। लेकिन शिक्षा बुद्धि का आचरण ही को बैठा है। फिर भी इनको संरक्षण दिया जा रहा है जब शिक्षा सिविल सेवा आचरण से कदाचार नियम है तो यह नियम सबके लिए समानता का अधिकार होना चाहिए लेकिन ऐसे शिक्षक को उसके पद से पदमुक्त कर देना चाहिए और अच्छे पढ़े लिखे जानकार की नियुक्ति करना चाहिए जिससे स्कूली बच्चों का भविष्य अंधकारमय में संलिप्त होने से बचे।


प्रतिदिन शराब के नशे में रहते है धूत फिर भी विभाग को नही मिल रहा इसका जानकारी !
हमारे पास जितना भी वीडियो सेव रखा गया है सभी वीडियो में शिक्षक जो है शराब पीने की बात को कबूल कर रहे है और उनकी बोलने की ढंग से आप स्पष्ट समझ सकते है की शिक्षक कितना शराब का सेवन किया गया है। वैसे एक शिक्षक स्कूल में बच्चो को पढ़ने जाता है तो नए उमंग और जज्बे के साथ जाता है जिससे बच्चे बढ़ पाए और समझ पाए लेकिन वही शिक्षक जब शिक्षा के मंदिर में शराब पीकर पहुंचते है तो अपने आप चलने को छमता नही होता खुद के पैर में चल नही पा रहे वो शराबी शिक्षक क्या बच्चो को शिक्षा देगा ये विचारणीय है। वही शराबी शिक्षक लाकेस टंडन अपने आप में चलने और बोलने को सक्षम नहीं है तो ऐसे में बच्चे क्या सीखेंगे।
रेशम कोशले(ब्लॉक शिक्षा अधिकारी)
वीडियो देखा गया तो शिक्षक शराब के नशे में दिखाई दे रहा है जांच करवाया जायेगा और कारवाही भी किया जाएगा|
